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Volume 1 Issue 1, August 2022 Previous issue

योगायु रिसर्च

प्राचीन काल से ही शिक्षण एवं अध्यापन एक सम्मानीय कार्य के रूप में देखा गया है | शिक्षा के क्षेत्र में वैज्ञानिक तथा साक्ष्य आधारित अनुसंधान का चयन उसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है | आज के समय में, योग एवं आयुर्वेद के विषय में ऐसे शोध एवं प्रकाशन की अत्यधिक कमी दिखाई पड़ती है, फलस्वरूप अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए लोगों का रुझान अपनी पारंपरिक औषधियों एवं स्वास्थ्य-रक्षण विधाओं से हटकर आधुनिक उपचारों की ओर बढ़ गया है | इस प्रचलन के चलते, मानव समाज को अनेकों दुष्प्रभावों एवं असाधारण विकारों का सामना करना पड़ रहा है | वास्तविक रूप में, हमारी पारंपरिक औषधियों की चिकित्सा पद्धत्तियों के पीछे हमारे महान पूर्वजों के गहन अन्वेषण एवं प्रेक्षण आधारित निष्कर्ष हुआ करते थे, किंतु भाषा की विषमताओं तथा पाश्चात्य विज्ञान की बढ़ती पहचान के कारण हम अपने प्राचीन साहित्यों एवं पद्धत्तियों को अवमानित कर बैठे हैं |

वर्तमान समय में, यह अत्यंत आवश्यक हो गया है कि हम अपनी परम्पराओं के पीछे छिपे वैज्ञानिक सिद्धांतों एवं साक्ष्य आधारित तथ्यों को आज के आधुनिक उपकरणों व माध्यमों से जोड़कर समाज, देश व सम्पूर्ण मानव जाति के समक्ष पुनर्स्थापित करें | इस विचार को प्रमाणित रूप से लागू करने के लिए पतंजलि विश्वविद्यालय की ओर से ‘योगायु रिसर्च’ नामक शोध पत्रिका के प्रकाशन की पहल की गयी है | इस शोध पत्रिका का उद्देश्य योग एवं आयुर्वेद के क्षेत्र में विद्यमान हमारी प्राचीन शैलियों तथा विधाओं को आधुनिक अनुसंधानों के आधार पर विभिन्न प्रकार के गुणवत्तापूर्ण शोधलेखों के रूप में प्रकाशित व संवर्धित करना होगा | इस पत्रिका की नीतियाँ व चयनात्मक प्रणालियाँ, वैश्विक स्तर के प्रकाशन नियमों को ध्यान में रखकर की गयी हैं, जिससे संदिग्ध और शिकारी पत्रिकाओं में शोध प्रकाशन करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने में सफलता प्राप्त होगी |

Table of Contents

  1. रामायणे योगमयं रामराज्यम्
  2. गुरुकुलीय शिक्षा का विराट् स्वरूप
  3. हठयोग में वर्णित धौति क्रियाओं के साक्ष्य आधारित लाभ
  4. उत्तराखण्ड में पायी जाने वाली औेषधीय व आर्थिक महत्व की जम्बू प्रजातियाँ (ऐलियम स्पीसीज): उनमें पायी जाने वाले जैवरासायनिक तत्व, लवणों तथा अमीनो अम्लों का विश्लेषण
  5. पादपनामकरण का इतिहास व परम्परा - एक वैज्ञानिक परिचय
  6. मोरनी हिल्स , हरियाणा के यूफॉरबिएसी कुल के आयुर्वेदिक पादप
  7. योग अनुसन्धान: एक कथा समीक्षा
  8. वृद्धावस्था का वैज्ञानिक अवबोध और इसके यापन में रसायन की भूमिका- एक समीक्षा
  9. पूर्वोत्तर भारत का एक मूल्यवान औषधीय पादप सुगंधमन्त्री [Homalomena aromatica (Spreg.) Schott.] का सर्वेक्षण और संरक्षण
  10. स्थूलता एवं स्थूलता जनित मानसिक विकारों में प्राणायाम एवं व्यायाम की भूमिका: एक शास्त्रोक्त संदर्भित समीक्षा
  11. चिकित्साविज्ञानं यज्ञ:

योगायु रिसर्च (योग एवं आयुर्वेद के क्षेत्र में वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित शोध पत्रिका)

महावीर अग्रवाल

रामायणे योगमयं रामराज्यम्

साध्वी देवप्रिया

गुरुकुलीय शिक्षा का विराट् स्वरूप

जयदीप नेगी, अभिषेक कुमार भारद्वाज

हठयोग में वर्णित धौति क्रियाओं के साक्ष्य आधारित लाभ

हेमंत कुमार पाण्डेय, विनोद कुमार, गद्दम बालकृष्ण

उत्तराखण्ड में पायी जाने वाली औेषधीय व आर्थिक महत्व की जम्बू प्रजातियाँ (ऐलियम स्पीसीज): उनमें पायी जाने वाले जैवरासायनिक तत्व, लवणों तथा अमीनो अम्लों का विश्लेषण

करुणा, स्वाति आर्या, राजेश कुमार मिश्रा, भाष्कर जोशी, अनुपम श्रीवास्तव

पादपनामकरण का इतिहास व परम्परा - एक वैज्ञानिक परिचय

आचार्य बालकृष्ण, उदय भान प्रजापति, अनुपम श्रीवास्तव, भाष्कर जोशी, रमा शंकर पाठक, राजेश मिश्रा

मोरनी हिल्स , हरियाणा के यूफॉरबिएसी कुल के आयुर्वेदिक पादप

सचिन कुमार शर्मा, दीपक छेत्री, शर्ली टेल्स

योग अनुसन्धान: एक कथा समीक्षा

अखिलेश शुक्ला

वृद्धावस्था का वैज्ञानिक अवबोध और इसके यापन में रसायन की भूमिका- एक समीक्षा

आचार्य बालकृष्ण, अनुपम श्रीवास्तव, रमा शंकर पाठक, भाष्कर जोशी, राजेश कुमार मिश्रा, अमित कुमार, आकिब, प्रशांत कुमार वत्स

पूर्वोत्तर भारत का एक मूल्यवान औषधीय पादप सुगंधमन्त्री [Homalomena aromatica (Spreg.) Schott.] का सर्वेक्षण और संरक्षण

स्वामी परमार्थदेव, स्वामी सोमदेव, वरदान सैनी, सम्यक सनातन चंदेल

स्थूलता एवं स्थूलता जनित मानसिक विकारों में प्राणायाम एवं व्यायाम की भूमिका: एक शास्त्रोक्त संदर्भित समीक्षा

आचार्य बालकृष्ण, स्वामी यज्ञदेव, स्वामी विप्रदेव

चिकित्साविज्ञानं यज्ञ: